नए साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना ने नए वैरिएंट के साथ एक बार फिर से सबकी चिंताएं बढ़ा दी है। कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को ओमिक्रॉन नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस सप्ताह की शुरुआत में ओमिक्रॉन वायरस को कोविड19 का नया प्रकार बताया है, जो कि कोरोना के दूसरे अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक बताया जाा रहा है। इसी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर 2021 को इसे ‘चिंता का एक विशेष रूप’ घोषित किया गया है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट कहाँ से आया?
ओमिक्रॉन को पहली बार 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में रिपोर्ट किया गया था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देशों में भी इसका पता चला है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका और दुनिया भर के शोधकर्ता ओमिक्रॉन वैरिएंट के कई पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए अध्ययन कर रहे हैं। इससे जुड़ीं कुछ जानकारियां कुछ इस प्रकार है।
क्या है ओमिक्रॉन वायरस?
ओमिक्रॉन एक नए प्रकार का कोरोना वायरस का प्रकार है, जिसे हाल ही में खोजा गया है। यह मूल रूप से ग्रीक वर्णमाला का 15वां अक्षर है। ओमिक्रॉन का पहला मरीज हाल ही में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में मिला था। जिसके बाद अन्य देशों में भी इस नए वैरिएंट के मरीज मिलने की जानकारियां सामने आई हैं।
ओमिक्रॉन और अन्य वेरिएंट में क्या अंतर है?
ओमिक्रॉन वैरिएंट में कई उत्परिवर्तन हैं जो पहले नहीं देखे गए हैं। उनमें से एक बड़ी संख्या वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर है, जो मुख्य चिंता का विषय है। इसके अलावा कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, बेल्जियम, डेनमार्क, नीदरलैंड और पुर्तगाल जैसे देशों में ऐसे मामले सामने आए है। जहां अधिकारियों ने 13 ओमिक्रॉन संक्रमणों की पहचान की।
वैक्सीन लगाने के बाद ओमिक्रोन कितना असर डालता है?
इस संबंध में अभी इस तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि यह वैक्सीन लगवा चुके पर कितना असर डालता या फिर ओमिक्रोन का उन पर कोई असर नहीं होता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर इसका कम असर देखने को मिल सकता है। यह नहीं कहा जा सकता है कि वैक्सीन ओमिक्रोन पर बिल्कुल प्रभावी नहीं होगी। इसलिए सरकार वैक्सीनेशन पर भी पूरा ध्यान दे रही है।
ओमिक्रॉन वायरस के शरीर में मौजूदगी के लक्षण क्या हैं?
1- इस वायरस से संक्रमित मरीजों में अत्यधिक थकान और सुस्ती दिखाई देती है। यह नया कोरोना वायरस किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें बुजुर्ग और युवा रोगी अत्यधिक थकान महसूस करते हैं।
2- ओमिक्रॉन के रोगियों में स्वाद या गंध को लेकर कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं। अर्थात स्वाद नहीं आना जैसे लक्षणों से फिलहाल ओमिक्रॉन दूर है।
3- ज्यादातर ओमिक्रॉन मरीजों में गले में खराश की शिकायत देखी जा सकती है।
4- इसके अलावा मांसपेशियों में दर्द और सूखी खांसी भी हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन वायरस को रोकने के लिए मुख्य कदम उठाने की बात कही है-
COVID-19 वायरस के प्रसार को कम करने के लिए व्यक्ति सबसे प्रभावी कदम उठा सकते हैं:
1. दूसरों से कम से कम 1 मीटर की शारीरिक दूरी रखें
2. मास्क पहनें
3. वेंटिलेशन में सुधार के लिए खिड़कियां खोलें
4. खराब हवादार या भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें
5. हाथ साफ रखें
6. वैक्सीन लगवाएं
क्या ओमिक्रॉन अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है?
विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रॉन होने के बाद या इससे ठीक होने के बाद अन्य बीमारियों के होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा पूर्व से चल रही बीमारी भी अधिक हावी हो सकती है। हालांकि इस तरह की संभावनाएं जताई जा रही है कि संभव है ओमिक्रॉन अधिक गंंभीर बीमारी के रूप में अपना प्रभाव दिखाए।
कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट?
विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रॉन वैरिएंट अन्य के मुकाबले शरीर पर कम समय में ही प्रभाव डाल देता है, इसलिए यह अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। चूंकि दक्षिण अफ्रिका में आए मामलों में इसके अत्यधिक ताकतवर एवं प्रभावी होने की जानकारियां सामने आई है जिसके कारण इसे खतरे के रूप में देखा जा रहा है। इसी को देखते हुए कई देशों ने इससे निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
ओमिक्रोन के भारत में कितने मामले?
दक्षिण अफ्रिका में कोरोना वायरस के मामले मिलने के बाद से ही विश्वभर में इसके मरीज देखें जा रहे हैं। ओमिक्रोन वैरिएंट के साथ कोरोना अब तक 44 देशों में फैल चुका है। भारत में इसके 24 मरीज मिले हैं। इसके अलावा देश के पांच राज्यों में ओमिक्रोन का प्रभाव देखा जा रहा है। राजस्थान के डूंगरपुर में 6 और जयपुर में भी 9 ओमिक्रोन के रोगी पाए गए हैं। सरकार की ओर से संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में केन्द्र सरकार की इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी जिसमें चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने और कोरोना के इस नए वैरिएंट से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर चर्चा हुई। जिसमें ऑक्सीजन बेड बढ़ाने, वैक्सीनेशन, कंटेनमेंट जोन बनाने आदि के लिए अधिकारियों को आदेशित किया गया था।