देश में रोजगार एक लंबे समय से बड़ी समस्या रही है। युवा वर्ग स्वरोजगार, प्राइवेट कम्पनीज में नौकरी के बजाय सरकारी नौकरी चाहते हैं। लेकिन सही मार्गदर्शन, आर्थिक विषमताओं, सुविधाओं के अभाव में असमंजस की स्थिति में रहते हैं कि कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम की तैयारी कैसे करे? कम समय में किस प्रकार कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम की तैयारी कर नौकरी पा सकते हैं? देश में अक्सर केन्द्र एवं राज्य सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन निकलते रहते हैं। इन नौकरियों में जगह बनाने के लिए अभ्यर्थी को कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम पास करना होता है। ऐसे में कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम को पास करने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता रहती है। लेकिन अगर अभ्यर्थी चाहे तो वह कुछ उपायों को अपनाकर आसानी से कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम की तैयारी कर सकता है।
किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण उस परीक्षा के पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन, उसके बाद पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य सामग्री का प्रबन्ध करना है। हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनको अपनाकर आप अपनी कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकते हैं।
कोचिंग के बजाय सेल्फ स्टडी पर करे फोकस
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि एक अच्छे मार्गदर्शन से मिलने वाले स्पष्ट ज्ञान से अभ्यर्थी को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है, लेकिन कोचिंग एक सीमा तक ही मार्गदर्शन कर सकती है। असल में अपनी मेहनत (सेल्फ स्टडी) ही काम आती है। जब आप आश्वस्त हों कि आप कॉम्पिटिटिव एग्जाम के पेटर्न को अच्छी तरह समझते हैं और उसके अनुसार रणनीति बनाकर अध्ययन कर सकते हैं तो कोचिंग की आवश्यकता न के बराबर हो जाती है।
कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम में सफलता के उपाय
देश के हर कोने में लाखों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। मगर आज के प्रतिस्पर्धा दौर में बहुत कम ही छात्र ऐसे हैं जो सफलता प्राप्त करते हैं। वैसे देखा जाए तो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हर छात्र करता है लेकिन तैयारी में कोई न कोई कमी जरूर रह जाती है जिसके कारण सभी छात्र सफल नहीं हो पाते हैं। यदि आप किसी निश्चित परीक्षा में सफलता पाना चाहते है तो इन बातो को आपको ध्यान में रखना होगा।
1. सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास जरूरी
किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है। अंतिम समय की घबराहट और परीक्षा के डर से बचने के लिए सुव्यवस्थित ढंग से पढ़ाई आवश्यक है। इसके लिए प्रतिदिन रात में सोने से पहले दिन भर आपने जो कुछ भी पढ़ा या सीखा है उसे 10 से 15 मिनट तक अवश्य दोहराएं।
2. परीक्षा के दौरान करे आत्म मूल्यांकन
परीक्षा की एक प्रभावी तैयारी के लिए आपको समय समय पर खुद का मूल्यांकन भी करना चाहिए। आप जिस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उससे संबंधित पुराने प्रश्नपत्र हल करते रहें। अपना मूल्यांकन करें कि आप सही दिशा में जा रहे हैं या नहीं। पढ़ाई और तैयारी करने के साथ बीच बीच में आप यह देखते रहें कि आप कितने प्रश्नों को हल कर पा रहे हैं और अभी आपको कितनी मेहनत और करनी चाहिए।
3. टाइम टेबल बनाकर पढ़ें
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने का मतलब यह नहीं है कि आप लम्बे समय तक इसी में फंसे रहें। बल्कि इसके लिए आपको शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म लक्ष्य निर्धारित करना पड़ेगा। फिर उसी के अनुसार टाइम टेबल भी बनाना होगा जो परीक्षा की तैयारी में आपकी मदद करेगा। टाइम टेबल बनाकर परीक्षा की तैयारी करने से पाठ्यक्रम बहुत जल्दी पूरा हो जाता है और बाद में आपको दोहराने का भी पर्याप्त समय मिल जाता है। इससे काफी हद तक आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित हो जाती है।
4. हाइलाइटर का इस्तेमाल करें
पढ़ाई करते समय हाइलाइटर हमेशा अपने पास रखें। किताब में जो कुछ भी महत्वपूर्ण लगे उसे तुरंत हाइलाइट कर लें। उदाहरण के तौर पर विचारों को लाल रंग, तिथियों को हरा या पीला रंग एवं अन्य तथ्यों को नीले रंग से हाइलाइट करें। इसका एक बड़ा फायदा यह होगा कि आपको बार बार किताब खोलकर शुरूआत से पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी और हाइलाइट किए गए जरूरी तथ्यों को आप कभी भी दोहरा या याद कर सकते हैं।
5. कठिन विषय के बाद सरल विषय पढ़ें
ज्यादातर छात्र सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे एक के बाद एक कठिन विषय का अध्ययन करते हैं। अगर आप थोड़ी देर के लिए भी ऐसा करते हैं तो यह तय है कि आप इससे पहले पढ़े हुए कठिन विषय को भूलने वाले हैं। सफलता के लिए आवश्यक है कि आप एक कठिन विषय के बाद एक आसान विषय पढ़ें। इससे आप बोर भी नहीं होंगे और आपकी तैयारी भी बेहतर तरीके से हो जाएगी।
6. स्मार्ट स्टडी करें
सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत तो होती ही है लेकिन साथ में स्मार्ट वर्क करने की भी बहुत ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। जो विषय या टॉपिक समझ न आए उसे यूट्यूब के माध्यम से समझने का प्रयास करें, पॉइंट्स बनाकर पढ़ें। लगातार सैलेबस देखते रहें और जितना जरूरी हो सिर्फ उतना ही पढ़ें।
7. सुबह के समय पढ़ें
वैज्ञानिकों का मानना है कि सुबह का समय अधिक सकारात्मकता और ऊर्जा लिए रहता है। सुबह का वातावरण एकदम शांत रहता है और मस्तिष्क पढ़े गए विषय को बहुत तेजी से याद करता है। इसलिए रात को पर्याप्त नींद लें और सुबह जल्दी उठकर पढ़ने की आदत डालें।
यदि एक अभ्यर्थी अपने पठन-पाठन तथा उसकी विषयवस्तु की समझ व आधारभूत आवश्यकताओं का पालन करे तो परीक्षा में सफलता मिलने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। जो विषय पढ़ना अच्छा लगे और जो बोझ न लगे, उसे पढ़ें। ये निश्चित रूप से सफलता की और लेकर जाता है।