भारतीय राजनीति में युवाओं की भूमिका आज चर्चा का विषय है। हाल ही के वर्षों में राजनीति में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। युवा न सिर्फ राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं बल्कि राजनीतिक पार्टियों में बड़े पदों पर भी आसीन है। इतना ही नहीं युवा बड़े आंदोलनों का भी चेहरा बनकर उभरे हैं। राजनीति में ऐसा ही एक नाम है हार्दिक पटेल। गुजरात से आने वाले Hardik Patel देश के उन चुनिंदा युवाओं नेताओं में से एक हैं, जिनकी उम्र 30 वर्ष से कम होने के बावजूद भारतीय राजनीति का एक बड़ा नाम है। आइए, इस आर्टिकल में हम भाजपा से जुड़े युवा नेता हार्दिक पटेल के राजनैतिक सफर के बारे में जानते हैं।
हार्दिक पटेल कौन है?
हार्दिक पटेल गुजरात के अहमदाबाद से आने वाले भारतीय जनता पार्टी से जुड़े युवा नेता हैं। वे पाटीदार पटेल समाज से आते हैं और 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे हैं। उनके नेतृत्व में गुजरात में पाटीदार समाज ने आरक्षण को लेकर एक राज्यव्यापी आंदोलन किया था। जिसमे पाटीदार समाज के लाखों लोग शामिल हुए थे। इसके बाद Hardik Patel ने 2017 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। लेकिन 18 मई 2022 को कांग्रेस को अलविदा कहते हुए 2 जून 2022 को भाजपा में शामिल हो गए। वे कांग्रेस के गुजरात प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में भाजपा के साथ जुड़े हैं।
हार्दिक पटेल का जीवन परिचय
हार्दिक पटेल का जन्म 20 जुलाई 1993 को गुजरात के वीरमगाम में हुआ। उनके पिता का नाम भरत और माॅं का नाम उषा पटेल हैं। उनकी शादी किंजल पटेल से हुई है। Hardik Patel ने प्रारंभिक शिक्षा वीरमगाम से हासिल की। साल 2010 में हार्दिक ने सहजानंद काॅलेज अहमदाबाद से बीकाॅम किया। जहां से छात्रसंघ महासचिव भी चुने गए। हार्दिक बचपन में अपने पिता के साथ कुओं में नल लगाने का काम करते थे। इसके बाद 2011 में हार्दिक सरदार पटेल समूह से जुड़े और वीरमगाम ईकाई के भी अध्यक्ष बने।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन
जानकारी के अनुसार जुलाई 2015 में हार्दिक पटेल की बहन मोनिका राज्य सरकार की स्काॅलरशिप पाने में असमर्थ रही। इसके पीछे पाटीदार समाज को आरक्षण नहीं होना था। इसके बाद Hardik Patel ने पाटीदार समाज को आरक्षण दिलाने की ठानी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति का गठन किया। जिसका लक्ष्य पाटीदार समाज को ओबीसी में शामिल करना था।
हार्दिक के इस प्रयास को पाटीदार समाज का भरपूर समर्थन मिला और उन्होंने पाटीदार समाज को ओबीसी में शामिल करने के लिए बिगुल छेड़ दिया। जिसने देखते ही देखते एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया। उनके इस आंदोलन से पाटीदार समाज के लाखों युवा जुड़े और Hardik Patel इस आंदोलन का चेहरा बन गए। Hardik Patel ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई की और युवा नेता बनकर उभरे। जिसका लाभ उन्हें बाद में राजनीति में भी मिला। हालांकि इस दौरान हार्दिक पटेल को पुलिस केस का भी सामना करना पड़ा।
Hardik Patel का राजनीतिक सफर
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद हार्दिक पटेल ने 12 मार्च 2019 को राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। हार्दिक ने 12 मार्च को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। कांग्रेस ज्वाइन करने के महज 16 महीनों में ही हार्दिक पटेल गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष तक बन गए। हार्दिक कांग्रेस में करीब 3 साल तक रहे। इसके बाद हार्दिक ने विचारधारा और कांग्रेस पार्टी पर चुनाव को लेकर गंभीर नहीं होने, अवहेलना किए जाने आदि आरोप लगाते हुए 18 मई 2022 को कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। इसके बाद 2 जून 2022 को हार्दिक ने हिन्दुत्व और राष्ट्रवादी विचारधारा के नाम पर भाजपा में शामिल हो गए। हार्दिक को गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल और सीनियर बीजेपी नेता नितिन पटेल ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। तब से भाजपा में काम कर रहे हैं।
हार्दिक पटेल और भाजपा
02 जून 2022 को हार्दिक पटेल ने बीजेपी ज्वाइन करने से पहले गौ और दूर्गा पूजा की। जिसके बाद वे गुजरात भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान Hardik Patel भगवा टाॅपी पहने नजर आए। इस अवसर पर गांधीनगर में गुजरात भाजपा कार्यालय के बाहर हार्दिक पटेल के स्वागत में पोस्टर भी लगाए गए थे। बीजेपी ज्वाइन करने से पहले 28 वर्षीय हार्दिक पटेल ने एक ट्वीट किया और लिखा, ’राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूँ। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूँगा।’
तब से हार्दिक पटेल गुजरात बीजेपी में सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं। इस साल गुजरात में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। Hardik Patel गुजरात विधानसभा में पाटीदार समाज बहुमत वाली कई सीटों पर प्रभाव रखते हैं। जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। साथ ही हार्दिक अगर चुनाव लड़कर जीत हासिल करते हैं तो सरकार में बड़े पद पर भी नजर आ सकते हैं।
28 वर्षीय Hardik Patel भारतीय राजनीति में कम उम्र में ही बड़े मुकाम पर पहुंचने वाले नेताओं में से एक हैं। उनका राजनीतिक सफर युवाओं के लिए सीखने योग्य है।