Youth & Politics

कहानी कांग्रेस के गढ़ भरतपुर में कैबिनेट मंत्री को हराने वाले युवा डॉ. शैलेश सिंह की

डॉ. शैलेश सिंह

राजनीति और समाजसेवा के क्षेत्र में कुछ लोग अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से जनता के बीच विशेष पहचान बना लेते हैं। यह कहानी ऐसे ही एक युवा डॉ. शैलेश दिगम्बर सिंह की है, जो वर्तमान में डीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। डॉ. शैलेश पूर्वी राजस्थान का जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में वह कर दिखाया जो किसी आम नेता के बस की बात नहीं थी।

डॉ. शैलेश सिंह ने डीग कुम्हेर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी, भरतपुर राजघराने के सदस्य, राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री, तीन बार के सांसद और तीन बार के विधायक विश्वेन्द्र सिंह को हराकर इतिहास रचा। यह कोई मामूली जीत नहीं थी, लेकिन डॉ. शैलेश ने जनता के साथ मिलकर यह कर दिखाया। इस आर्टिकल में हम डॉ. शैलेश सिंह के बारे में जानेंगे।

डॉ. शैलेश सिंह का जन्म भरतपुर जिले के सीकरी में भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री रहे स्व. डॉ. दिगम्बर सिंह एवं स्व. श्रीमती आशा सिंह के घर 20 जुलाई 1980 को हुआ। जाट समाज से आने वाले डॉ. शैलेश सिंह पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज, नवी मुंबई से वर्ष 2006 में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई पूर्ण की है। उनकी पत्नी का नाम डॉ. कीर्ति चौधरी है। उनके एक बेटा और एक बेटी हैं।

संगठन के कार्यक्रमों को बनाया सफल, जमीनी स्तर पर की खूब मेहनत

डॉ. शैलेश सिंह

डॉ. शैलेश सिंह ने अपने जिलाध्यक्ष कार्यकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार और पार्टी की नाकामियों, भरतपुर जिले की समस्याओं, विकास में भेदभाव जैसे मुद्दों पर जनता को जागरूक करने एवं भाजपा के संगठनात्मक क्रियाकलापों से जनता को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. शैलेश सिंह ने भाजपा राजस्थान के अभियान ‘जन आक्रोश यात्रा’ को भरतपुर जिले की सभी विधानसभाओं में सफल बनाया, जिससे बड़ी संख्या में लोग भाजपा से जुड़े और अभियान को ऐतिहासिक जन समर्थन प्राप्त हुआ। भाजपा के “नहीं सहेगा राजस्थान” अभियान के दौरान भी डॉ. शैलेश सिंह ने इसे जमीनी स्तर और सोशल मीडिया पर सक्रियता से संचालित किया।

जहां एक भी सीट भाजपा की नहीं थी, वहां 5 सीटें जीतकर रचा इतिहास

shailesh singh

डॉ. शैलेश सिंह पिछले करीब 17 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। जनसेवा, युवाओं में लोकप्रियता, लोगों के लिए हर समय उपलब्ध रहने और संगठन के प्रति निष्ठा के चलते उनके पास 17 दिसम्बर 2019 से 17 जनवरी 2023 तक भारतीय जनता पार्टी, भरतपुर के जिलाध्यक्ष का दायित्व रहा। डॉ. शैलेश ने अपने कार्यकाल में भरतपुर जिले में भाजपा को सशक्त बनाने हेतु अथक प्रयास किए, जिसका परिणाम यह हुआ कि भरतपुर जिले की 7 विधानसभा सीटों में से, जहां एक भी विधायक भाजपा का नहीं था, विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने वहां 5 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

राजघराने के सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री को हराकर बने विधायक

विधायक

डॉ. शैलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव 2023 में तीन बार के सांसद, तीन बार के विधायक, तत्कालीन राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री, पूर्व भरतपुर राज परिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह को 7895 वोटों से हराकर इतिहास रचा। इस सीट पर कभी डॉ. शैलेश सिंह के पिता और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. दिगम्बर सिंह विधायक हुआ करते थे। डॉ. शैलेश ने इससे पूर्व भी 2018 का विधानसभा चुनाव इसी सीट से लड़ा था, लेकिन 8218 वोटों से उनकी हार हुई थी। उससे पूर्व डॉ. दिगम्बर सिंह भी 2013 के विधानसभा चुनाव में विश्वेन्द्र सिंह से 11162 वोटों से हार चुके थे। विश्वेन्द्र सिंह लगातार दो बार इस सीट से जीते थे, ऐसे में उन्हें हराना इतना आसान नहीं था। कोई और नेता होता तो थक हारकर बैठ जाता, लेकिन डॉ. शैलेश सिंह ने हार नहीं मानी और डीग कुम्हेर के एक-एक गांव घूमकर संगठन को मजबूत किया, लोगों का दिल जीता, उनके लिए काम किए और परिणाम यह हुआ कि विश्वेन्द्र सिंह को 7895 वोटों से करारी शिकस्त देकर विजयी हुए।

पिता के पदचिन्हों पर चलकर जनसेवा को बनाया जीवन का आधार

डॉ. शैलेश सिंह, अपने पिता

अपनी एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद चिकित्सक के रूप में सेवाएं देते हुए डॉ. शैलेश सिंह, अपने पिता एवं राजस्थान सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. डॉ. दिगम्बर सिंह के साथ जनसेवा के कार्यों को बखूबी निभाते रहे। अपने पिता के देहांत के बाद भी उन्होंने पिता के पदचिन्हों पर चलकर जनसेवा के कार्यों को आगे बढ़ाया। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने जरूरतमंदों तक भोजन सामग्री, दवाइयां पहुंचाने, दूसरे राज्यों से राजस्थान की सीमा पर आए मजदूरों की मदद की।

डॉ. शैलेश सिंह ने कोविड के समय चिकित्सक के रूप में सेवाएं देते हुए रोगियों को लगातार चिकित्सकीय परामर्श देने का काम किया और कई सरकारी, प्राइवेट अस्पतालों में लोगों के लिए बेड का इंतजाम किया। डॉ. शैलेश सिंह कोविड के समय ‘संवाद टू यू’ कार्यक्रम से जुड़े और उन्होंने आमजन की कोविड से जुड़ी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया। वे “नर सेवा नारायण सेवा” के संदेश को आत्मसात करते हुए समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करते रहे हैं एवं स्वयं भी नियमित रक्तदाता हैं।

डॉ. शैलेश सिंह ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भरतपुर में हुए कथित वेंटिलेटर घोटाले के मुद्दे को जोर-शोर से मीडिया में उठाया, जिसने कथित रूप से गहलोत सरकार की नाकामी की पोल खोली। एक मजबूत विपक्ष के रूप में वे कांग्रेस सरकार के कथित कुप्रबंधन पर अपनी आवाज बुलंद करते रहे।

डॉ. शैलेश सिंह गौ सेवा के कार्यों से लगातार जुड़े रहे हैं। मेवात में गौतस्करी के मुद्दे पर वे लगातार मुखर रहे हैं और अब अपने कार्यकाल में उन्होंने कुम्हेर में एक विशाल गौशाला के निर्माण का संकल्प किया है। सामूहिक विवाह सम्मेलनों में डॉ. शैलेश सिंह अलग-अलग समितियों को आर्थिक सहयोग करते हैं, जिससे सैकड़ों गरीब बेटियों के विवाह निःशुल्क संपन्न हो रहे हैं।

युवाओं में खासा लोकप्रिय, खेलों और खिलाड़ियों से गहरा जुड़ाव

डॉ. शैलेश सिंह

डॉ. शैलेश सिंह युवाओं में खासे लोकप्रिय होने के साथ खेल और खिलाड़ियों से भी उनका गहरा जुड़ाव है। वे भरतपुर जिला कबड्डी संघ के अध्यक्ष, ओलंपिक संघ भरतपुर के जिला अध्यक्ष, राजस्थान कबड्डी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष और राजस्थान मलखम्ब एसोसिएशन के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे लगातार भरतपुर जिले सहित राजस्थान के खिलाड़ियों की सुविधाओं के लिए प्रयासरत हैं।

बतौर जिला कबड्डी संघ अध्यक्ष, खिलाड़ियों को कबड्डी किट एवं ट्रैक सूट प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी मेट की सुविधा, खिलाड़ियों को अच्छी कोचिंग और रेसलिंग, बॉलीबॉल जैसे खेलों में भी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए सहायता करना, वे अपने निजी खर्च से भी जरूरतमंद खिलाड़ियों को मदद करते रहे हैं।

पिता से विरासत में मिली राजनीति और जनसेवा

डॉ. शैलेश सिंह को राजनीति अपने पिता स्व. डॉ. दिगम्बर सिंह जी से विरासत में मिली। उनके पिता स्व. दिगम्बर सिंह 12वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य (2003-2008) रहे हैं, जिसके अंतर्गत उन्होंने बतौर कैबिनेट मंत्री- चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं आयुर्वेदिक विभाग (31 मई 2004 से 24 दिसंबर 2007) एवं उद्योग, राजकीय उपक्रम एवं खादी भंडार (25 दिसंबर 2007 से 11 दिसंबर 2008 तक) का सफल कार्यकाल पूर्ण किया।

स्व. श्री दिगम्बर सिंह 13वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य (वर्ष 2008-2013) के रूप में पुनः निर्वाचित हुए। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष (वर्ष 2010-2014) के रूप में कार्य किया। उन्हें बीस सूत्रीय कार्यक्रम, राजस्थान सरकार के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) 29 जून 2015 से 27 अक्टूबर 2017 तक के रूप में भी कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।
स्व. श्री दिगम्बर सिंह जी ने पंचायती राज, कानून, कृषि और सामाजिक न्याय मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला है। डॉ. शैलेश सिंह के परिवार का पिछले 4 दशकों से अधिक समय से भारतीय जनता पार्टी से बहुत अच्छा संबंध रहा है।

डॉ. शैलेश सिंह का कहना है कि वे अपनी नेतृत्व क्षमता, जनसेवा और विकास कार्यों से डीग-कुम्हेर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे अपने पिता के सपनों का डीग कुम्हेर बनाना चाहते हैं, जहां हर घर खुशहाल और हर गांव विकसित हो और इसके लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहकर काम करेंगे। वे अपने पिता के सपनों का डीग कुम्हेर बनाएंगे।

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