
हमारे शरीर में जब कोई चोट लगती है, तो आमतौर पर कुछ दिनों या हफ्तों में वह ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कोई चोट लंबे समय तक बनी रहती है या उसका असर सालों बाद भी महसूस होता है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या सालों पुरानी चोट की वजह से ट्यूमर होने का खतरा रहता है? इस विषय पर विशेषज्ञों की राय को समझना जरूरी है।
इस आर्टिकल में हम सालों पुरानी चोट और उससे संभावित ट्यूमर के खतरे के बारे में जानेंगे।
क्या पुरानी चोट से ट्यूमर हो सकता है?
देखिए! आम तौर पर, चोट लगने से तो ट्यूमर नहीं होता है। लेकिन कुछ मामलों में, अगर कोई ऊतक बार-बार क्षतिग्रस्त होता है और वह ठीक नहीं होता, तो वहां कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि हो सकती है। हालांकि, इसका सीधा संबंध ट्यूमर से नहीं होता, लेकिन यह शरीर में अन्य जटिलताएं जरूर पैदा कर सकता है।
क्या पुरानी चोट कैंसर का कारण बन सकती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य चोटों से कैंसर होने की संभावना बेहद कम होती है। लेकिन अगर कोई चोट बार-बार लगती है, और शरीर के ऊतकों में लगातार सूजन बनी ही रहती है, तो इससे कोशिकाओं में बदलाव आ सकता है, जो आगे चलकर कैंसर की स्थिति पैदा कर सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सीधे तौर पर पुरानी चोट कैंसर का कारण नहीं बनती है।
किन परिस्थितियों में सतर्क रहना चाहिए?
अगर किसी पुरानी चोट के स्थान पर आपको ये लक्षण दिखते हैं, तो सर्तकता जरूरी हैं।
– पुरानी चोट का ठीक न होना।
– चोट वाले स्थान पर गांठ बन जाना।
– त्वचा का रंग बदलना या असामान्य सूजन रहना।
– लगातार दर्द या जलन महसूस होना।
विशेषज्ञों की सलाह
इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी प्रकार की पुरानी चोटों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर कोई चोट लंबे समय तक बनी रहती है, या उसमें कोई असामान्य बदलाव नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। समय पर इलाज करवाने से किसी भी गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
ट्यूमर के कारण
ट्यूमर शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। इसके कारण निम्नलिखित हैं।
1. आनुवंशिक कारण – अगर परिवार में पहले किसी को ट्यूमर या कैंसर हुआ है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।
2. लंबे समय तक सूजन – अगर शरीर में किसी स्थान पर लंबे समय तक सूजन बनी रहती है, तो वहां कोशिकाओं असामान्य वृद्धि से ट्यूमर हो सकता है।
3. वायरल संक्रमण – कुछ वायरस, जैसे कि HPV और हेपेटाइटिस बी व सी, ट्यूमर या कैंसर का कारण बनते हैं।
4. अनियमित जीवनशैली – धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन, असंतुलित आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी भी कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं।
5. रासायनिक और रेडिएशन एक्सपोज़र – अगर व्यक्ति लंबे समय तक हानिकारक केमिकल्स या रेडिएशन के संपर्क में रहता है, तो ट्यूमर की संभावना बढ़ सकती है।
6. पुरानी चोट या जलन – हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है, लेकिन अगर कोई ऊतक बार-बार क्षतिग्रस्त होता है, और ठीक नहीं होता, तो वहां ट्यूमर विकसित हो सकता है।
ट्यूमर के लक्षण
अगर शरीर में कोई असामान्य बदलाव दिखाई दे रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ट्यूमर के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं।
– शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ बनना।
– लगातार सूजन या दर्द रहना।
– त्वचा का रंग बदलना।
– लगातार थकान और कमजोरी रहना।
– वजन में अचानक कमी होन।
– बार-बार बुखार या संक्रमण होना।
– किसी पुराने घाव का ठीक न होना।
– खांसी या पेशाब में खून आना।
यूं तो सालों पुरानी चोट से ट्यूमर होने का खतरा बहुत कम होता है, लेकिन यह पूरी तरह असंभव भी नहीं है। ऐसे में अगर शरीर में किसी भी असामान्य बदलाव को नजरअंदाज किया जाए, तो वह आगे चलकर गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है। इसलिए, अगर कोई पुरानी चोट ठीक नहीं हो रही है या उसमें बदलाव नजर आ रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।