देश के 28 राज्यों में 809 शाखाएं, 8 साल में 20 लाख लोगों से ठगी और फिर 14 हजार करोड़ रुपए का महाघोटाला…यानी की राजस्थान के सबसे बड़े घोटालों में से एक। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे केस की जिसमें कई गिरफ्तारियां हुई और आज तक लोग यही इंतजार कर रहे हैं कि जानिए आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी में निवेश किया पैसा कब मिलेगा?
घोटाने की यह कहानी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की है। जिसे हम आदर्श कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के नाम से जानते हैं। हाल ही की न्यूज के अनुसार आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में अब तक गिरफ्तारियां भी जारी हैं। बहरहाल, आज हम आपको आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का पूरा गणित बताएंगे कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी क्या हैं एवं इसकी शुरुआत कैसे हुई? आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी कैसे काम करती थी? आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला क्या हैं? क्या आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी की वापसी संभव है? आदर्श क्रेडिट का पैसा कब मिलेगा? जैसे सभी सवालों, शंकाओं का हम समाधान करने का प्रयास करेंगे।
आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी क्या हैं एवं इसकी शुरुआत कैसे हुई?
आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी एक कोऑपरेटिव सोसायटी थी जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी। जिसका मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है। इसकी स्थापना मुकेश मोदी ने की थी और राुहल मोदी इसके प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाए गए। स्थापना के बाद से इस सोसायटी ने 31 अगस्त 2016 तक देश के 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलीं। इनमें से 309 राजस्थान में खोली गई। सोसायटी की पहली शाखा 1999 में सिरोही में खुली थी। इसके बाद के वर्षों में विस्तार होता गया और यह देश की सबसे बड़ी कोऑपरेटिव सोसायटी भी बन गई।
आदर्श क्रेडिट कैसे काम करती थी?
यह सोसायटी शुरुआत में लोन देने का काम करती थी। इसका पैसा सोसायटी के पास अपने मेम्बर्स से आता था। जिसके बाद लोगों को उच्च दरों पर लोन दिया जाता था और लाभांश को शेयर होल्डर्स में आपस में बांटा जाता था। कुछ न्यूज आर्टिकल्स के अनुसार सोसायटी की ओर से लोगों को ज्यादा ब्याज देने का झांसा दिया जाता था। सोसायटी के इसी झांसे में आकर देशभर में 8 वर्षों में 20 लाख लोगों ने 14800 करोड़ रुपए का निवेश सोसायटी में कर दिया। निवेशकों को बताया जाता था कि उनकी निवेश की हुई धनराशि बड़ी कंपनियों और लोगों को ऊंची ब्याज दर पर लोन के रूप में दी जाती है, जिसका लाभ लोगों को भी मिलेगा।
आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला क्या हैं?
आदर्श क्रेडिट घोटाला 14000 करोड़ रुपए का है। सोसायटी ने 8 वर्षों तक लोगों को झांसा और लालच देकर जो राशि एकत्र की थी उसी से सोसायटी के संचालकों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर ही 45 फर्जी कंपनियां खोलकर सोसाइटी में निवेश की गई राशि में से 12,414 करोड़ रुपए इन्हीं फर्जी कंपनियों को लोन देने के रूप में दिखा दिया। कुछ न्यूज आर्टिकल्स के अनुसार सोसाइटी में हुए निवेश से संचालकों के द्वारा देश भर में कई सम्पत्तियां खरीदी गई। अब बात यह आती है कि यह घोटाला सामने कैसे आया।
दरअसल, जब सोसायटी ने लोगों ने निवेश करवा दिया लेकिन समय पर पैसे वापस नहीं किए गए तो देशभर सोसायटी के खिलाफ शिकायतें दर्ज होने लगी। जिसके बाद 26 मई 2018 को एसओजी यानी राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने सोसायटी में घोटाले का पर्दाफाश किया था। जिसके बाद से घोटाले के आरोपी सलाखों के पीछे हैं और सोसायटी की सम्पत्ति भी कुर्क की गई है।
क्या आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी की वापसी संभव है?
बहरहाल, इस संबंध में कुछ भी कहना असंभव है। मामला न्यायालय में चल रहा है, फैसला आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी की वापसी होगी या नहीं या फिर आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी का पैसा कब वापस मिलेगा?
आदर्श क्रेडिट का पैसा कब मिलेगा?
आदर्श क्रेडिट के निवेशक लंबे समय से इस जवाब का इंतजार कर रहे हैं कि आदर्श क्रेडिट पैसो का भुगतान कब होगा ? कुछ न्यूज आर्टिकल्स के अनुसार आयकर विभाग ने अब तक 3000 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां जब्त की है लेकिन मामला न्यायालय में होने से वसूली नहीं हो सकी है। कोर्ट से मामले का निस्तारण होने पर आयकर विभाग का इन सम्पत्तियों पर अधिकार होगा। जिसके बाद ही यह स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि निवेशकों को आदर्श क्रेडिट का पैसा कब मिलेगा? हालाँकि सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव ने मामले पर निगरानी करने के लिए एक लिक्विडेटर भी नियुक्त किया है। जिनके पास आदर्श की सम्पत्तियों को नीलाम कर निवेशकों के पैसे लौटाने की जिम्मेदारी है।
नोट — उपरोक्त लेख इन्टरनेट पर मौजूद विभिन्न न्यूज आर्टिकल्स के आधार पर लिखा गया है।
आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखे ये वीडियो