यह कहानी है एक ऐसे युवा की जिसने महज 18 साल की उम्र वो सपना देखा, जो हम या आप शायद नहीं देख पाए। जी हां, अगर आपसे पूछा जाए कि जब आपकी उम्र 18 साल की थी, तब आपके दिमाग में क्या ख्याल आते थे? तो बमुश्किल ही आपको यह ख्याल आया हो कि आप पर्यावरण के लिए कुछ करेंगे।
लेकिन राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले भुवनेश ओझा को यह ख्याल आया और उन्होंने वह कर दिखाया जो इस उम्र के कईं लोग नहीं कर पाते हैं। भुवनेश ने उदयपुर शहर के उन पार्कों में जान फूंकने की ठानी जो देखरेख के अभाव में बदहाल होते जा रहे थे। भूवनेश ने इसकी शुरूआत सेक्टर 14 स्थित अपने घर के सामने के पार्क से की।
भूवनेश ने 10 मार्च 2013 को अपनी काॅलोनी के प्राइमेरी स्कूल के कुछ बच्चों के साथ मिलकर पहला पौधा लगाया और उसकी देखभाल की। इसके बाद उन्होंने इसी पार्क में कईं पौधे लगाएं।
वक्त के साथ उनके इस मिशन से कईं और लोग भी जुुड़े। जिसके बाद उन्होंने अपने इस मिशन को पुकार फाउंडेशन नाम दिया। आज उनके फाउंडेशन से करीब 12 हजार से ज्यादा यूथ जुड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, इन बरसों में वे उदयपुर व आसपास के करीब 30 से ज्यादा पार्कों की सूरत बदल चुके हैं।
अब उनका यह मिशन उदयपुर संभाग के अन्य जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर तक भी पहुंच चुुका है। जहां पर भी उनसे जुड़े युवा पौधोरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का काम कर रहे हैं।
इसके अलावा उनकी टीम अरावली की पहाड़ियों को भी हरियाली से भरने का काम कर रही हैं। पुकार की टीम की ओर से हर रविवार को पौधारोपण उत्सव मनाया जाता है। जिसमें टीम के सदस्य ऐसे जगहों पर पौधारोपण करते हैं, जहां पर हरियाली की आवश्यकता है। अब उनकी टीम को विभिन्न समाजों, व्यक्तियों की ओर से पौधारोपण के लिए भी बुलाया जाता है।
भुवनेश और उनकी टीम के काम वाकई सराहनीय है। युवाओं का पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना युवाओं की ओर से प्रकृति को सर्वोत्तम उपहार है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए भुुवनेश ओझा व उनकी टीम को यूथ4चेंज का सलाम।