Case Study

टैरिफ़ (Tariff) क्या होता है? यह कितने प्रकार का होता है? 100% टैरिफ़ लगाने का क्या मतलब है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल से भारत पर जैसा को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं। हर देश का अन्य देश के साथ वस्तुओं की कैटेगरी के अनुसार अलग-अलग टैरिफ तय होता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम समझते हैं कि टैरिफ़ (Tariff) क्या होता है? यह क्यों लगाया जाता है।


टैरिफ़ (Tariff) क्या होता है?

टैरिफ़ का मतलब किसी भी देश द्वारा आयात (import) किए जाने वाले सामान पर लगाए गए कर (duty/tax) से होता है। यह एक प्रकार का शुल्क होता है जो सरकार दूसरे देशों से आने वाले सामान पर लगाती है ताकि घरेलू उद्योगों को संरक्षण मिल सके और विदेशी वस्तुओं को महंगा किया जा सके।

अमेरिका द्वारा 100% टैरिफ़ का मतलब है कि भारतीय उत्पाद अमेरिका में दोगुने महंगे हो जाएंगे, जिससे निर्यात को नुकसान हो सकता है।


टैरिफ़ के प्रकार

  1. इम्पोर्ट टैरिफ़ (Import Tariff) – किसी देश में बाहर से आने वाले उत्पादों पर लगाया जाने वाला कर।
  2. एक्सपोर्ट टैरिफ़ (Export Tariff) – किसी देश से बाहर जाने वाले उत्पादों पर लगाया जाने वाला कर।
  3. एड वेलोरेम टैरिफ़ (Ad Valorem Tariff) – यह टैरिफ़ किसी वस्तु की कुल कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  4. स्पेसिफिक टैरिफ़ (Specific Tariff) – यह टैरिफ़ एक निश्चित दर के अनुसार लगता है, जैसे प्रति किलो, प्रति लीटर आदि।

टैरिफ़ (Tariff) क्यों लगाया जाता है?

देशी उद्योगों की सुरक्षा – अगर विदेशी सामान बहुत सस्ता होगा, तो देश में बनने वाले प्रोडक्ट कम बिकेंगे। टैरिफ़ लगाने से बाहर का सामान महंगा हो जाता है और देशी कंपनियों को फायदा होता है।

सरकार की कमाई – टैरिफ़ से सरकार को अच्छा खासा पैसा मिलता है, जिसे सड़कें, स्कूल, अस्पताल जैसी सुविधाओं पर खर्च किया जाता है।

आयात को कम करना – टैरिफ़ लगाकर आयात (Import) कम किया जाता है। इससे व्यापार संतुलन बना रहता है।

रोज़गार बचाना – विदेश से सस्ता माल आने पर देश की फैक्ट्रियां बंद हो सकती हैं और नौकरियां चली जाएंगी। टैरिफ़ से ऐसा होने से रोका जाता है।

देश की सुरक्षा – कुछ चीजें, जैसे खाने-पीने की चीजें, दवाइयां या रक्षा उपकरण, अगर पूरी तरह विदेशों पर निर्भर होंगे, तो मुश्किल हो सकती है। टैरिफ़ लगाकर इन्हें देश में बनाने को बढ़ावा दिया जाता है।


अमेरिका द्वारा भारत पर 100% टैरिफ़ लगाने का मतलब क्या है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 100% टैरिफ़ लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसका अर्थ यह है कि यदि कोई भारतीय उत्पाद अमेरिका में 100 डॉलर का है, तो अमेरिकी सरकार उस पर 100 डॉलर का अतिरिक्त कर (टैरिफ़) लगा देगी, जिससे उसकी कीमत 200 डॉलर हो जाएगी।

इसका असर यह होगा कि भारत की वस्तुएं अमेरिका में दोगुने दामों पर बिकेगी, जिससे वहां उनकी मांग कम हो जाएगी।


अभी कितना टैरिफ़ लगता है?

अमेरिका विभिन्न देशों से आयातित उत्पादों पर अलग-अलग दरों से टैरिफ़ लगाता है। भारत से आयातित कुछ उत्पादों पर पहले से ही टैरिफ़ लागू हैं, जो उत्पाद और श्रेणी के अनुसार अलग-अलग हैं:

📌 स्टील और एल्युमिनियम पर पहले से ही 25-50% तक का टैरिफ़ लागू है।

📌 कपड़े और चमड़ा के उत्पादों पर 10-20% का टैरिफ़ लगाया जाता है।

📌 इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा सेक्टर में कुछ उत्पादों पर शून्य से लेकर 15-30% तक टैरिफ़ लागू होता है।

भारत में कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100% टैरिफ़ है, इसी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी समान टैरिफ लगाने की बात कही है।


टैरिफ़ एक प्रकार का कर होता है, जो किसी देश द्वारा दूसरे देशों से आयातित उत्पादों पर लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों की सुरक्षा, सरकार की आय बढ़ाना और व्यापार संतुलन बनाए रखना होता है। अमेरिका द्वारा भारत पर 100% टैरिफ़ लगाने का मतलब है कि भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनका निर्यात प्रभावित होगा।

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